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क्षतिग्रस्त सामग्री, Paperback / softback Book

क्षतिग्रस्त सामग्री Paperback / softback

Paperback / softback

Description

सबह क चार बज रह थ जब जॉरज डयपॉनट न दरवाजा बद किया और सीढियो स नीच गली म आ गए। भोर की पहली फीकी लकीर आकाश म थी, और उसन इस झझलाहट क साथ दखा, कयोकि वह जानता था कि उसक बाल असत-वयसत थ और उसका परा पहल अवयवसथित था; फिर भी उसन कब लन की हिममत नही की, कयोकि उस घर पर धयान आकरषित करन का डर था। जब वह फटपाथ पर पहचा, तो उसन यह सनिशचित करन क लिए उसक बार म दखा कि किसी न उस घर स बाहर निकलत नही दखा ह, फिर सडक पर उतर गया, उसकी नजर उसक सामन फटपाथ पर थी। जॉरज को सबह क बाद का आभास हआ। परचर पाप वाल इस ससार म बहत कम लोग ह जो यह नही जानत होग कि इस वाकयाश का कया अरथ ह। रात का धआ वाषपित हो गया था; वह अब काफी शात था, उततजना स काफी मकत था। उसन दखा कि उसन कया किया ह, और यह उस कछ काला और घणित लग रहा था। अपन घर तक पहचन क लिए जिन कछ बलॉको को पार करना पडता था, उसस अधिक लबी पदल यातरा कभी नही लगती थी। वह दासी क उठन स पहिल वहा पहच जाए, और इसस पहिल कि पकानवाल का लडका लढकता हआ बलाए; अनयथा, वह कया सपषटीकरण द सकता था?-वह जो हमशा स एक ऐसा नतिक वयकति रहा ह, जिस माताओ न अपन बटो क लिए एक उदाहरण क रप म बताया था। जॉरज न अपनी मा क बार म सोचा, और अगर वह अपनी रात क साहसिक कारय क बार म जान सक तो वह कया सोचगी। उसन हनरीट की पीडा क साथ बार-बार सोचा। कया यह सभव हो सकता ह कि एक आदमी जिसकी सगाई हो चकी थी, जिसका विवाह अनबध वासतव म हआ था, जिस जलद ही एक सदर और कलीन लडकी का पयार मिल गया था - कि ऐसा आदमी इतना कमजोर और आधार हो सकता था कि वह खद को फसा सक। इतनी कम काररवाई म? वह घटनाओ की परी शरखला पर वापस

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