क्षतिग्रस्त सामग्री Paperback / softback
by Upton Sinclair
Paperback / softback
Description
सबह क चार बज रह थ जब जॉरज डयपॉनट न दरवाजा बद किया और सीढियो स नीच गली म आ गà¤à¥¤ à¤à¥‹à¤° की पहली फीकी लकीर आकाश म थी, और उसन इस à¤à¤à¤²à¤¾à¤¹à¤Ÿ क साथ दखा, कयोकि वह जानता था कि उसक बाल असत-वयसत थ और उसका परा पहल अवयवसथित था; फिर à¤à¥€ उसन कब लन की हिममत नही की, कयोकि उस घर पर धयान आकरषित करन का डर था। जब वह फटपाथ पर पहचा, तो उसन यह सनिशचित करन क लिठउसक बार म दखा कि किसी न उस घर स बाहर निकलत नही दखा ह, फिर सडक पर उतर गया, उसकी नजर उसक सामन फटपाथ पर थी। जॉरज को सबह क बाद का आà¤à¤¾à¤¸ हआ। परचर पाप वाल इस ससार म बहत कम लोग ह जो यह नही जानत होग कि इस वाकयाश का कया अरथ ह। रात का धआ वाषपित हो गया था; वह अब काफी शात था, उततजना स काफी मकत था। उसन दखा कि उसन कया किया ह, और यह उस कछ काला और घणित लग रहा था। अपन घर तक पहचन क लिठजिन कछ बलॉको को पार करना पडता था, उसस अधिक लबी पदल यातरा कà¤à¥€ नही लगती थी। वह दासी क उठन स पहिल वहा पहच जाà¤, और इसस पहिल कि पकानवाल का लडका लढकता हआ बलाà¤; अनयथा, वह कया सपषटीकरण द सकता था?-वह जो हमशा स à¤à¤• à¤à¤¸à¤¾ नतिक वयकति रहा ह, जिस माताओ न अपन बटो क लिठà¤à¤• उदाहरण क रप म बताया था। जॉरज न अपनी मा क बार म सोचा, और अगर वह अपनी रात क साहसिक कारय क बार म जान सक तो वह कया सोचगी। उसन हनरीट की पीडा क साथ बार-बार सोचा। कया यह सà¤à¤µ हो सकता ह कि à¤à¤• आदमी जिसकी सगाई हो चकी थी, जिसका विवाह अनबध वासतव म हआ था, जिस जलद ही à¤à¤• सदर और कलीन लडकी का पयार मिल गया था - कि à¤à¤¸à¤¾ आदमी इतना कमजोर और आधार हो सकता था कि वह खद को फसा सक। इतनी कम काररवाई म? वह घटनाओ की परी शरखला पर वापस
Information
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Item not Available
- Format:Paperback / softback
- Pages:128 pages
- Publisher:Blurb
- Publication Date:02/11/2021
- Category:
- ISBN:9781006642999
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- Paperback / softback from £9.99
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- Pages:128 pages
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