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D.H. Lawrence Ki Lokpriya Kahaniyan, Paperback / softback Book

D.H. Lawrence Ki Lokpriya Kahaniyan Paperback / softback

Paperback / softback

Description

'डी. एच. लॉरस की लोकपरिय कहानिया' साहितय क विविध रस समट हए ह। इस कहानी-सकलन म उनक इस वशिषटय को परखा जा सकता ह। भागय और वभव की लोलपता मनषय को किस तरासदी तक ल जाती ह, इसका साकषय 'काठ का अनाम घोडा' कहानी ह। उनकी चरचित कहानी 'अतरधवनि' सतरी-परष क मानवीय सबध क सदरभ म धारमिक अवधारणा क सापकष सहज सवाततरय को वरीयता दती ह। 'वन मानष' कहानी आज भी परष क आदिमानव जसी पाशविकता वाल सवभाव की ओर सकत करती ह। लॉरस की कहानिया मनोविजञान और दारशनिकता का कलवर लिय जिस तरह पाठक तक सहजता स पहचती ह, वह विरल ह। पतालीस वरष स भी छोट जीवन म उनहोन साहितय-जगत को जो दिया, वह विपल तो ह ही, गणातमक सतर पर भी अदभत कहा जाता ह।

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