Mahabharat Ke Amar Paatra - Gandivdhari Arjun Undefined
by Dr Vinay
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Description
अरजन महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ क मखय पातर ह। महाराज पाणड à¤à¤µ रानी कनती क वह तीसर पतर थ। अरजन सबस अचछ धनरधर और दरोणाचारय क शिषय थ। जीवन म अनक अवसर पर उनहोन इसका परिचय दिया। इनहोन दरौपदी को सवयवर म जीता था। करकषतर क यदध म य परमख योदधा थ। अरजन न ही करकषतर म शरीकषण स अलौकिक परशन किय, जो गीता म वरणित ह। दरोणाचारय को à¤à¤¸ योदधाओ की आवशयकता थी जो राजा दरपद स परतिशोध ल सक। इसी कारण व हसतिनापर क 105 राजकमारो को शिकषा दन लग, जिनम स à¤à¤• अरजन à¤à¥€ थ।
Information
-
Out of stock
- Format:Undefined
- Pages:162 pages
- Publisher:Diamond Books
- Publication Date:27/08/2019
- Category:
- ISBN:9789352967865
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Out of stock
- Format:Undefined
- Pages:162 pages
- Publisher:Diamond Books
- Publication Date:27/08/2019
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- ISBN:9789352967865