Mahabharat Ke Amar Paatra - Mahaveer Ashwatthama (??????? ? ??? ???? - ?????? ???? Undefined
by Dr Vinay
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Description
महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ à¤à¤¸à¤¾ महाकावय ह जो कि हिनद धरम का आधार ह। महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ महाकावय शरी गणश क हाथो स लिखा गया था। इस वदवयास न बोला था। महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ म कौरवो और पाडवो क बीच राजय परापति क लिठयदध हआ था। इस यदध म कौरवो की तरफ स गर शरी दरोणाचारय न à¤à¤¾à¤— लिया था। दरोणाचारय क पतर अशवतथामा न à¤à¥€ कौरवो की तरफ स यदध लडा था। अशवतथामा à¤à¤• महान योदधा था। अशवतथामा, महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ क महान योदधाओ म स à¤à¤• था। जो सरवशरषठधनरधारी कहलाता था। लकिन अशवतथामा न य गलती की कि उनहोन कौरवो का साथ दिया, कयोकि उनक पिता दरोणाचारय न à¤à¥€ कौरवो का साथ दिया था। दरोणाचारय न य सोचकर कौरवो का साथ दिया था कि राजय स निषठा रखत हठव राजय क खिलाफ लड नही सकत थ। यदध क समय उनह किसी à¤à¥€ कौरव या अनय योदधा की जररत नही थी। दरोणाचारय और अशवतथामा ही à¤à¤• समय पाडवो की सना पर à¤à¤¾à¤°à¥€ पड रह थ। तब à¤à¤—वान शरी कषण को यततिफ आई, उनहोन सोचा कि कयो न गरदव को बल स नही छल स पराजित किया जाà¤à¥¤
Information
-
Out of stock
- Format:Undefined
- Pages:162 pages
- Publisher:Diamond Books
- Publication Date:19/10/2020
- Category:
- ISBN:9789352967872
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Out of stock
- Format:Undefined
- Pages:162 pages
- Publisher:Diamond Books
- Publication Date:19/10/2020
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- ISBN:9789352967872