Vaigyanik Sant Dr. Kalam Book
by Lakshman Prasad
Book
Description
à¤.पी.ज. अबदल कलाम à¤à¤• साधारण स परिवार म मानवतावादी गणो क साथ अवतरित हà¤à¥¤ अनक à¤à¤¾à¤—यशाली वयकतियो को à¤à¤¿à¤¨à¤¨-à¤à¤¿à¤¨à¤¨ कषतरो जस-विजञान, तकनीकी, आधयातमिक, शिकषा, सामाजिक आदि म साकषात रप म उनक साथ कारय करन का सौà¤à¤¾à¤—य परापत हआ।इस गà¥à¤°à¤‚थ के विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥ लेखकों à¤à¤µà¤‚ लेखिकाओं ने डॉ. कलाम के आतà¥à¤®à¥€à¤¯ à¤à¤µà¤‚ मानवीय गà¥à¤£à¥‹à¤‚ के à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨-à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पहलà¥à¤“ं पर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ डाला है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ नरेंदà¥à¤° मोदी ने अपनी शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾à¤‚जलि में लिखा है कि कलाम के रूप में à¤à¤¾à¤°à¤¤ ने à¤à¤• हीरा खो दिया है। लेकिन उस हीरे की चमक और रोशनी हमें उस मंजिल तक पहà¥à¤à¤šà¤¾à¤à¤—ी, जो उस सà¥à¤µà¤ªà¥à¤¨à¤¦à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾ ने सोची थी। उनके à¤à¤• घनिषà¥à¤ सहयोगी à¤à¤µà¤‚ वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• मितà¥à¤° डॉ. वाई.à¤à¤¸. राजन ने लिखा है कि 'वे इतिहास रचने आठथे, रचकर चले गà¤à¥¤' इसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° à¤à¤• वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• साथी ने 'संत के रूप में' और दूसरे साथी ने 'आदरà¥à¤¶ इनसान के रूप में' उनका आकलन किया है। कà¥à¤› लेखक डॉ. कलाम के गà¥à¤£à¥‹à¤‚ और कारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को 'à¤à¤• सचà¥à¤šà¥‡ करà¥à¤®à¤¯à¥‹à¤—ी à¤à¤µà¤‚ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ ऋषि' के रूप में देखते हैं। à¤à¤• वरिषà¥à¤ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ लेखक ने लिखा है 'न à¤à¥‚तो न à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯à¤¤à¤¿ : देवोपम डॉ. कलाम।' à¤à¤• लेखिका ने अपने पिताशà¥à¤°à¥€ के साथ डॉ. कलाम से दोसà¥à¤¤à¥€ को 'कलियà¥à¤— में कृषà¥à¤£-सà¥à¤¦à¤¾à¤®à¤¾ जैसी मितà¥à¤°à¤¤à¤¾' की संजà¥à¤žà¤¾ दी है। डॉ. कलाम के साथ à¤à¤• फोटो के पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ से 15 वरà¥à¤·à¥€à¤¯ विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€ को गंà¤à¥€à¤° उपचार में जीवनदान मिलने के विषय में उसने अपने लेख 'किसी के लिठआशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦, किसी के लिठजीवनदान' à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ से कलाम साहब के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ कृतजà¥à¤žà¤¤à¤¾ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ की है। à¤à¤¾à¤°à¤¤ रतà¥à¤¨ डॉ. कलाम के महानॠपà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾à¤ªà¥à¤°à¤¦ जीवन की अनà¥à¤ªà¤® à¤à¤¾à¤à¤•à¥€ है यह पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥¤
Information
-
Out of stock
- Format:Book
- Pages:232 pages
- Publisher:Prabhat Prakashan
- Publication Date:15/06/2017
- Category:
- ISBN:9789384344740
Other Formats
- Paperback / softback from £11.99
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- Pages:232 pages
- Publisher:Prabhat Prakashan
- Publication Date:15/06/2017
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