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तीन गोलार्ध के किस्से : Tales of Three Hemispheres, Hindi edition, Paperback / softback Book

तीन गोलार्ध के किस्से : Tales of Three Hemispheres, Hindi edition Paperback / softback

Paperback / softback

Description

व लदन की खशब सघ सकत थ, लदन क गान सन सकत थ, और फिर भी कभी ऐसा नही था कि व लदन को जानत हो; यह ऐसा था जस उनहोन अपन परमी की आखो स किसी अजीब औरत क चहर को दखा हो। पथवी या गीत क शहरो क सभी शहरो क लिए; वहा क सभी सथानो पर, अनहलदी या हॉलिड थ, यह उन दो परषो को लग रहा था, फिर उनहोन जो शहर दखा वह सभी जगहो पर सबस अधिक वाछित था। व कहत ह कि उनक पास एक बरल ऑरगन बजाया जाता ह, व कहत ह कि एक कॉसटियर गाना गा रहा था, व सवीकार करत ह कि वह धन स बाहर गा रहा था, व एक कॉकनी उचचारण सवीकार करत ह, और फिर भी व कहत ह कि उस गीत म कछ ऐसा था जो कभी कोई सासारिक गीत नही था पहल था, और दोनो परषो का कहना ह कि व रोए होग, लकिन उनक दिल की धडकन क बार म एक भावना थी जो आस क लिए बहत दर थी। उनका मानना ​​ह कि इस उसताद की लालसा, जो हाथ उठाकर एक सफारी पर राज करन म सकषम था, आखिरी समय म इतना मजबत था कि इसन खद को परकति पर गहराई स परभावित किया था और एक मगतषणा पदा कर दी थी जो शायद परी तरह स दर नही हो सकती ह, शायद कई वरषो क लिए।


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