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School Debate Book, Paperback / softback Book

School Debate Book Paperback / softback

Paperback / softback

Description

आमतौर पर सभी सकलो म वाद-विवाद परतियोगिताओ का आयोजन किया जाता ह। इस परतियोगिता म एक दल क सदसय चयनित विषय क पकष म विचार परसतत करत ह और दसर दल क सदसय विरोध म। इस परकार एक क बाद एक सदसय एक-दसर क विचारो की तब तक काट परसतत करत जात ह, जब तक सभी सदसय नही बोल चकत। अत म अधयकषीय भाषण होता ह, जिसम दोनो पकषो क विचारो का निचोड पश किया जाता ह। वाद-विवाद परतियोगिताओ स विदयारथियो की भाषण दन की कला म निखार आता ह तथा उनकी तारकिक शकति परबल होती ह। उनम विरोधियो की कट बात सनन की सहिषणता भी बढती ह। साथ ही विचारशकति इतनी परखर हो जाती ह कि आग चलकर जीवन की कठिन समसयाओ स जझना आसान हो जाता ह। वाद-विवाद परतियोगिताओ स मसतिषक का विकास होता ह, झिझक खलती ह और सबस बडी बात, इसम भाग लकर विदयारथियो को यह अचछी तरह समझ म आ जाता ह कि जो वयकति हमार विचारो स सहमत नही ह, उसकी राय का भी महततव ह।

वाद-विवाद परतियोगिताओ म भाग लनवाल परतिभागियो हत एक आवशयक पसतक।

Information

  • Format:Paperback / softback
  • Pages:200 pages
  • Publisher:Prabhat Prakashan
  • Publication Date:
  • ISBN:9789355212801

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  • Format:Paperback / softback
  • Pages:200 pages
  • Publisher:Prabhat Prakashan
  • Publication Date:
  • ISBN:9789355212801