Nehru Banam Subhash Paperback / softback
by Rudrangshu Mukherjee
Paperback / softback
Description
सà¤à¤¾à¤· को यकीन था कि व और जवाहरलाल साथ मिलकर इतिहास बना सकत ह, मगर जवाहरलाल अपना à¤à¤µà¤¿à¤·à¤¯ गाधी क बगर नही दख पा रह थ।यही इन दोनों के संबंधों के दà¥à¤µà¤‚दà¥à¤µ का सीमा-बिंदॠथा।à¤à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿, जिसके लिठà¤à¤¾à¤°à¤¤ की आजादी से अधिक और कà¥à¤› मायने नहीं रखता था और दूसरा, जिसने अपने देश की आजादी को अपने हृदय में सà¤à¤œà¥‹à¤ रखा, मगर इसके लिठअपने पराकà¥à¤°à¤®à¤ªà¥‚रà¥à¤£ पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ को अनà¥à¤¯ चीजों से à¤à¥€ संबंधित रखा और कà¤à¥€-कà¤à¥€ तो दà¥à¤µà¤‚दà¥à¤µ-यà¥à¤•à¥à¤¤ निषà¥à¤ ा से à¤à¥€à¥¤ सà¥à¤à¤¾à¤· और जवाहरलाल की मितà¥à¤°à¤¤à¤¾ में लकà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ की पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¦à¥à¤µà¤‚दà¥à¤µà¤¿à¤¤à¤¾ की इस दरार ने à¤à¤• तनाव उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ कर दिया और उनके जीवन का कà¤à¥€ à¤à¥€ मिलन न हो सका।
Information
-
Out of stock
- Format:Paperback / softback
- Pages:240 pages
- Publisher:Prabhat Prakashan
- Publication Date:01/12/2020
- Category:
- ISBN:9789352660506
Information
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Out of stock
- Format:Paperback / softback
- Pages:240 pages
- Publisher:Prabhat Prakashan
- Publication Date:01/12/2020
- Category:
- ISBN:9789352660506