Tendulkar Ki Kahani, Unhin Ki Zubani Hardback
by Sachin Tendulkar
Hardback
Description
मर पिता न मठ11 साल की उमर म ही आजाद पछी की तरह छोड दिया और मà¤à¤¸ बोल, ''अपन सपनो का पीछा करो, लकिन यह शरत ह कि तम उनको पान क लिठशॉरटकट नही ढढोग।''अपने 24 साल के लंबे कॅरियर के दौरान शायद ही à¤à¤¸à¤¾ कोई कà¥à¤°à¤¿à¤•à¥‡à¤Ÿ रिकॉरà¥à¤¡ होगा, जो सचिन तेंदà¥à¤²à¤•à¤° से अछूता रहा हो। टेसà¥à¤Ÿ और à¤à¤• दिवसीय मैचों में सबसे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ रन बनाने के अलावा वे पहले और à¤à¤•à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤° à¤à¤¸à¥‡ बलà¥à¤²à¥‡à¤¬à¤¾à¤œ बने, जिसने 100 अंतरराषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ शतक लगाठऔर 200 टेसà¥à¤Ÿ मैचों में अपनी मौजूदगी दरà¥à¤œ कराई। उनकी सà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤• खेलने की विशिषà¥à¤Ÿ शैली ने उनको à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• हसà¥à¤¤à¥€ बना दिया, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यह उनकी ही विलकà¥à¤·à¤£ कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ थी कि वह दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ के किसी à¤à¥€ हिसà¥à¤¸à¥‡ में और मैदान के किसी à¤à¥€ कोने पर गेंद मार सकते थे।बंबई में à¤à¤• मधà¥à¤¯à¤µà¤°à¥à¤—ीय परिवार में जनमे सचिन ने, जो कि à¤à¤• शरारती बचà¥à¤šà¥‡ थे, बड़े हà¥à¤ तो दिखाया-à¤à¤• खिलाड़ी और कपà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के रूप में कैसे लकà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ को हासिल किया जाता है और कैसे सपनों को सच किया जाता है! हैरत की बात नहीं, खेल के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ उनका जà¥à¤¨à¥‚न, देश के लिठउनके मन में समà¥à¤®à¤¾à¤¨ और मैदान à¤à¤µà¤‚ उससे बाहर उनका शानदार वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° ही वे बातें रहीं, जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने उनको करोड़ों लोगों का चहेता और आनेवाली पीढ़ी के लिठरोल मॉडल बनाया था।सचिन तेंदà¥à¤²à¤•à¤° के शिखर को छूने की रोचक और पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾à¤ªà¥à¤°à¤¦ यातà¥à¤°à¤¾, उनà¥à¤¹à¥€à¤‚ की जà¥à¤¬à¤¾à¤¨à¥€à¥¤ यह पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• न केवल पठनीय है, वरनॠअसंखà¥à¤¯ यà¥à¤µà¤¾à¤“ं और खेल-पà¥à¤°à¥‡à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठपà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ का खजाना है।
Information
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Out of stock
- Format:Hardback
- Pages:240 pages
- Publisher:Prabhat Prakashan
- Publication Date:01/12/2019
- Category:
- ISBN:9789353226664
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- Paperback / softback from £11.99
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Out of stock
- Format:Hardback
- Pages:240 pages
- Publisher:Prabhat Prakashan
- Publication Date:01/12/2019
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- ISBN:9789353226664