Jadui Baal Kahaniyan Hardback
by Satyajit Ray
Hardback
Description
अगल ही पल सबका खन जम गया। à¤à¤• à¤à¤¯à¤•à¤° गरजना हई, जिस सनकर राजकमार का घोडा अपनी अगली टाग हवा म उठाकर पीछ की ओर खिसका, अपन सवार को जमीन पर पटका और दसरी दिशा म à¤à¤¾à¤— गया। वह इतना साहसी नही था कि इतनी à¤à¤¯à¤¾à¤¨à¤• गरजना वाल दानव क साथ यदध कर सक।गंगाराम ने कनकपà¥à¤° जाकर राजा से पूछने का निशà¥à¤šà¤¯ किया। यदि यह सच में वही पतà¥à¤¥à¤° है, तो वह उसे लौटा देगा। गंगाराम किसी को दà¥à¤ƒà¤–ी नहीं देख सकता था। यदि राजकà¥à¤®à¤¾à¤°à¥€ को उसके दà¥à¤ƒà¤– से मà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ दिलाना उसके हाथ में था, तो वह à¤à¤¸à¤¾ अवशà¥à¤¯ करेगा।रामदास à¤à¤²à¤¸à¥€ के वन में लकड़ी काटने गया था। शेर-चीतों से बचने के लिठवह जान-बूà¤à¤•à¤° दिन के समय गया था। जब उसने किले के पास बारह फीट लंबे दो पैरों के à¤à¤• जीव को देखा, तो वहाठसे à¤à¤¾à¤— आया। उस जीव का शरीर रोओं से à¤à¤°à¤¾ था, हाथ-पैरों में नà¥à¤•à¥€à¤²à¥‡ नाखून थे, मà¥à¤à¤¹ के कोनों में तीखे दाà¤à¤¤ थे, जैसे जानवरों के होते हैं, सà¥à¤°à¥à¤– लाल आà¤à¤–ें थीं और उलà¤à¥‡ हà¥à¤ बाल थे।-इसी पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• सेमहानॠलेखक सतà¥à¤¯à¤œà¤¿à¤¤ रे की 'जादà¥à¤ˆ बाल कहानियाà¤', जिनमें छातà¥à¤°à¥‹à¤‚ का सहज-सरल कौतूहल, रहसà¥à¤¯ और रोमांच के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ आकरà¥à¤·à¤£ और तीवà¥à¤° उतà¥à¤•à¤‚ठा दिखाई देती हैं।
Information
-
Out of stock
- Format:Hardback
- Pages:136 pages
- Publisher:Prabhat Prakashan
- Publication Date:01/12/2021
- Category:
- ISBN:9789390366477
Information
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Out of stock
- Format:Hardback
- Pages:136 pages
- Publisher:Prabhat Prakashan
- Publication Date:01/12/2021
- Category:
- ISBN:9789390366477