Unnat Bharat Book
by Shankkar Aiyar
Book
Description
1947 म आजादी मिलन क बाद स आज 21वी सदी का à¤à¤¾à¤°à¤¤ काफी अचछी सथिति म ह। इसक बावजद, हमशा ही यह दश तबाही की कगार पर डगमगाता दिखता ह। आधनिक à¤à¤¾à¤°à¤¤ पर कदरित यह पसतक गवा दिठजानवाल अवसरो, योजना बनान म कमी और खराब कारयानवयन को बताती ह, जिनम अचछी पहल क कछ-à¤à¤• उदाहरण ही मिलत ह, जो सच म फायदमद साबित हà¤à¥¤ à¤à¤¸à¤¾ लगता ह कि इस दश की जितनी à¤à¥€ उपलबधिया रही ह व सयोगवश थी, जिनह किसी आपदा न पररित किया। इस विदà¥à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾à¤ªà¥‚रà¥à¤£ और मौलिक रचना में शंकर अयà¥à¤¯à¤° ने खेल को बदलकर रख देनेवाले सात अवसरों की समीकà¥à¤·à¤¾ की है-1991 का आरà¥à¤¥à¤¿à¤• उदारीकरण, साठके दशक की हरित कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति, 1969 में बैंकों का राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯à¤•à¤°à¤£, सतà¥à¤¤à¤° के दशक में ऑपरेशन फà¥à¤²à¤¡, 1982 की दोपहर के à¤à¥‹à¤œà¤¨ की सà¥à¤•à¥€à¤®, नबà¥à¤¬à¥‡ के दशक की सूचना कà¥à¤°à¤¾à¤‚ति और 2005 में सूचना के अधिकार का अधिनियम। देश के इतिहास के à¤à¤¸à¥‡ टरà¥à¤¨à¤¿à¤‚ग पà¥à¤µà¥‰à¤‡à¤‚ट दूरदरà¥à¤¶à¤¿à¤¤à¤¾ या सावधानी से योजना बनाने के कारण नहीं आà¤, बलà¥à¤•à¤¿ उन बड़े संकटों के संयोगवश पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ परिणाम थे, जिनसे हर हाल में निपटा जाना था। मील के इन पतà¥à¤¥à¤°à¥‹à¤‚ की पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤· जाà¤à¤š और à¤à¤• गहरे विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ के माधà¥à¤¯à¤® से, लेखक की दलील है कि पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥€ होने के साथ ही सà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¥€ परिवरà¥à¤¤à¤¨ के लिà¤, à¤à¤¾à¤°à¤¤ के शीरà¥à¤· नेतृतà¥à¤µ को उन तरीकों पर फिर से विचार करने की जरूरत है, जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ वे देश के सामने खड़ी अनेक चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से निपटने के लिठअपनाना चाहते हैं। अतीत में हà¥à¤ˆ गलतियों का संजà¥à¤žà¤¾à¤¨ लेकर इनकी पà¥à¤¨à¤°à¤¾à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿ रोकने और उनà¥à¤¨à¤¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤ बनाने का पथ पà¥à¤°à¤¶à¤¸à¥à¤¤ करती चिंतनपरक पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥¤
Information
-
Out of stock
- Format:Book
- Pages:320 pages
- Publisher:Prabhat Prakashan
- Publication Date:15/07/2017
- Category:
- ISBN:9789352662524
Information
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Out of stock
- Format:Book
- Pages:320 pages
- Publisher:Prabhat Prakashan
- Publication Date:15/07/2017
- Category:
- ISBN:9789352662524