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Mere Business Mantra, Book Book

Mere Business Mantra Book

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Description

ससार म यदाकदा ऐस बदधिमान व धरयवान वयकति का उदय होता ह, जिस नजरअदाज करना कठिन ही नही, नाममकिन होता ह। शरी एन.आर. नारायण मरति ऐस ही विनमर वयकति ह। व एक उदयमी, उदयमी-नता, समाजसवी व परिवार-परिय वयकति ह। अपार सफलता पान क बाद भी उनक पाव जमीन पर टिक ह। शरआत स ही अपन मन-मताबिक कारय करक व आज इस ऊचाई तक पहच सक ह। अपन कारयो क लिए असखय परसकार व सराहना परापत करन क बाद अब समय आ गया ह कि हम उनक मलयवान विचारो का लाभ उठाए।इस पुस्तक से आपको ऐसा दृष्टिकोण, प्रोत्साहन व महत्त्वपूर्ण प्रेरणा प्राप्त होगी, जिसके बल पर आप सफलता के पथ पर आगे बढ़ते जाएँगे। पुस्तक के प्रत्येक पृष्ठ पर आपको नारायण मूर्तिजी के सीखे सबक और वर्षों के अनुभव का खजाना प्राप्त होगा। बुद्धिमत्ता से भरी इन सभी उक्तियों में प्रकट हुआ मूर्ति के जीवन का सार हर स्वप्नदर्शी एवं महत्त्वाकांक्षी व्यक्ति के लिए पथ-प्रदर्शक सिद्ध होगा।इसलिए अपनी असफलताओं के साँचे को तोडि़ए और इस पुस्तक को पढ़कर अपने जीवन को सफल, सुखद और उज्ज्वल बनाने के मार्ग पर आगे बढि़ए।

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