Samrat Chandragupt Book
by Deendayal Upadhyaya
Book
Description
परसतत पसतक म à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• तथयो क ढाच पर अपनी à¤à¤¾à¤·à¤¾ का रग चढाकर चदरगपत का चरितर लिखा गया ह। नायक की à¤à¤•à¤§à¤¯à¤¯à¤¨à¤¿à¤·à¤ ा न सवय ही उसम पराण-परतिषठा की ह। कछ घटनाओ का वरणन पाशचातय विदवानो दवारा लिख हठइतिहास स मल नही खाता ह। परसतत यह वरणन कलपना क आधार पर न होत हठअपन पराचीन तथयो तथा à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ विदवानो दवारा दी हई आधनिक खोजो क आधार पर ह। जिनक लिठयह पसतक लिखी गई ह, उनह सब परकार क à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• तथयो क वन म à¤à¤°à¤®à¤£ करान की आवशयकता नही ह। इतना जानना परयापत ह कि यरोपियन विदवानो दवारा परयतनपरवक à¤à¤µ उनका अधानकरण करनवाल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ विदवानो दवारा अनजान म फलाठहठअधकार को नषट करनवाल à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• शोध क सरयपरकाश म दखी हई य सतय घटनाठह। -दीनदयाल उपाधयाय.
Information
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Out of stock
- Format:Book
- Pages:72 pages
- Publisher:Prabhat Prakashan
- Publication Date:10/03/2016
- Category:
- ISBN:9789351867906
Information
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Out of stock
- Format:Book
- Pages:72 pages
- Publisher:Prabhat Prakashan
- Publication Date:10/03/2016
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- ISBN:9789351867906