Bharat Mein Prashasanik Seva Pareekshayen Mithak Evam Yatharth Paperback / softback
by Devender Singh
Paperback / softback
Description
à¤à¤¾à¤°à¤¤ म परशासनिक सवाठदश की वयवसथा की धरी ह, कयोकि दश की 130 करोड स अधिक जनसखया को सशासन परदान करन की कडी चनौती इनक समकष ह। इस हत योगय उममीदवारो क चयन की कई सतर की परणालिया ह, यथा-सघ लोक सवा आयोग, राजयो क लोक सवा आयोग, करमचारी चयन आयोग आदि, परत विगत कछ वरषो स इन चयन परणालियो पर कई गà¤à¥€à¤° परशन खड हठह। सिविल सवा परीकषा म à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤ˆ à¤à¤¦à¤à¤¾à¤µ को लकर छातरो को सडक स ससद तक आदोलन करना पडा, à¤à¤¸.à¤à¤¸.सी. परीकषा म वयापत à¤à¤°à¤·à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° की सी.बी.आई. जाच हत छातरो न सघरष किया। राजय लोक सवा आयोगो की सथिति यह हो चली ह कि सौ परशनो क सही उततर तक छातर नयायालय म काननी लडाई लडकर परापत करत ह। परीकषा आयोजन को लकर सघरष, सही परिणाम को लकर जददोजहद, यहा तक कि नियकति हत फिर à¤à¤• और आदोलन। कया दश की परतिà¤à¤¾à¤“ की यही नियति ह? कया य परीकषाठवासतव म परतियोगिता ह? कयो इन परणालियो क विरदध दिन-रात कडी महनत करनवाल छातरो को आदोलन करना पडता ह? कया यही सविधान परदतत अवसर की समानता ह?देश की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ से जà¥à¤¡à¤¼à¥‡ इन गंà¤à¥€à¤° पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¥‹à¤‚ पर समगà¥à¤° चिंतन कर देश के समकà¥à¤· परीकà¥à¤·à¤£ की इन सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ करने का à¤à¤• विनीत पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• के माधà¥à¤¯à¤® से किया गया है, ताकि इन वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾à¤“ं में वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ विसंगतियाठराषà¥à¤Ÿà¥à¤° के समकà¥à¤· आà¤à¤, इन पर राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤µà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥€ विमरà¥à¤¶ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठहो à¤à¤µà¤‚ इनमें सà¥à¤§à¤¾à¤° का मारà¥à¤— पà¥à¤°à¤¶à¤¸à¥à¤¤ हो सके।
Information
-
Out of stock
- Format:Paperback / softback
- Pages:216 pages
- Publisher:Prabhat Prakashan
- Publication Date:01/12/2020
- Category:
- ISBN:9789353229450
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Out of stock
- Format:Paperback / softback
- Pages:216 pages
- Publisher:Prabhat Prakashan
- Publication Date:01/12/2020
- Category:
- ISBN:9789353229450