Ashok Chakravijeta Book
by A.K. Shori
Book
Description
à¤à¤¾à¤°à¤¤ पराकरमियो का दश ह। पराचीनकाल स लकर वरतमान काल तक हमार शरवीरो की अनक पराकरम-गाथाठपरचलित ह। हमारा पराचीन इतिहास पराकरम की गाथाओ स à¤à¤°à¤¾ पडा ह। दश पर जब-जब सकट की घटाठगहराई, तब-तब यवा पराकरम अपना शौरय दिखाता नजर आया। à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤µà¤°à¤· अपन इनही यवाओ क कारण सदव स विशव-पटल पर अनकरणीय उदाहरण बनकर खडा रहा ह। दश न जब à¤à¥€ अपन यवाओ को पकारा, व दश पर अपना सरवसव नयोछावर करन को दौड चल आà¤à¥¤ यवा आज à¤à¥€ अपनी जान पर खलकर राषटर की à¤à¤•à¤¤à¤¾ को अकषणण बनाठहठह।'अशोक चकà¥à¤°' शांति के समय अà¤à¥‚तपूरà¥à¤µ वीरता के पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ हेतॠपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया जाता है। 27 जनवरी, 1967 को 'अशोक चकà¥à¤°' नामित किया गया। पहले इसका नाम 'अशोक चकà¥à¤° वरà¥à¤— 1' रखा गया था। यह à¤à¥€ गणतंतà¥à¤° दिवस पर पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ित किया गया, किंतॠ15 अगसà¥à¤¤, 1947 से ही मानà¥à¤¯ हà¥à¤†à¥¤ यह पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• अशोक चकà¥à¤° से विà¤à¥‚षित पराकà¥à¤°à¤®à¥€ वीरों-हà¥à¤¤à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¾à¤“ं का पà¥à¤£à¥à¤¯-सà¥à¤®à¤°à¤£ कराती है।हर à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ के लिठपठनीय पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•, जो राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿-राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¸à¥‡à¤µà¤¾ का महती à¤à¤¾à¤µ उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करेगी।
Information
-
Out of stock
- Format:Book
- Pages:248 pages
- Publisher:Prabhat Prakashan
- Publication Date:10/03/2016
- Category:
- ISBN:9789351869689
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Out of stock
- Format:Book
- Pages:248 pages
- Publisher:Prabhat Prakashan
- Publication Date:10/03/2016
- Category:
- ISBN:9789351869689