![Janiye Sangh Ko, Book Book Janiye Sangh Ko, Book Book](http://hive.dmmserver.com/media/640/97893862/9789386231918.jpg)
Janiye Sangh Ko Book
by Arun Anand
Book
Description
राषटरीय सवयसवक सघ विशव का सबस बडा सामाजिकसासकतिक राषटरवादी सगठन ह। दश म जब à¤à¥€ आपदा आई ह, इस सगठन न उललखनीय कारय किया ह। जीवन क हर कषतर म इस सगठन की उपसथिति धयानाकरषण करनवाली ह। इसी कारण सबको à¤à¤¸ विलकषण सगठन को जाननसमà¤à¤¨ की आकाकषा रहती ह।इस विशà¥à¤µà¤µà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥€ संगठन की शà¥à¤°à¥à¤†à¤¤ सनॠ1925 में विजयादशमी के दिन हà¥à¤ˆ और इसको साकार किया डॉ. केशवराव बलिराम हेडगेवार ने, जिनका बोया बीज आज à¤à¤• विशाल वटवृकà¥à¤· बन गया है। शिकà¥à¤·à¤¾, सेवा, चिकितà¥à¤¸à¤¾, विजà¥à¤žà¤¾à¤¨, विदà¥à¤¯à¤¾à¤°à¥à¤¥à¥€, मजदूर, अधिवकà¥à¤¤à¤¾, राजनीति आदि समाज के पà¥à¤°à¤®à¥à¤– कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में इसकी सारà¥à¤¥à¤• उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ है। संघ की ऊरà¥à¤œà¤¾ का मूल सà¥à¤°à¥‹à¤¤ हैं 'दैनिक शाखा'। पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में बड़े ही संकà¥à¤·à¥‡à¤ª में यह बताया गया है कि संघ का सूतà¥à¤°à¤ªà¤¾à¤¤ कब हà¥à¤†, इसका सà¥à¤µà¤°à¥‚प कैसा है, शाखा कà¥à¤¯à¤¾ है, à¤à¤—वा धà¥à¤µà¤œ का कà¥à¤¯à¤¾ महतà¥à¤¤à¥à¤µ है, पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°à¤• कौन बनते हैं, इसके विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ शिविरों की संकलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ कà¥à¤¯à¤¾ है, संघ की पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ का महतà¥à¤¤à¥à¤µ और उसका अरà¥à¤¥ कà¥à¤¯à¤¾ है आदि। संघ के सरसंघचालकों से संबंधित रोचक व तथà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• जानकारी à¤à¥€ इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में दी गई है।दैनंदिन जीवन में राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¦, देशà¤à¤•à¥à¤¤à¤¿, आदरà¥à¤¶ जीवनमूलà¥à¤¯ और समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ à¤à¤¾à¤µ से 'राषà¥à¤Ÿà¥à¤° सरà¥à¤µà¥‹à¤ªà¤°à¤¿' के मूलमंतà¥à¤° को अà¤à¤¿à¤¸à¤¿à¤‚चित कर राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¨à¤¿à¤°à¥à¤®à¤¾à¤£ के लिठपà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤¦à¥à¤§ संगठन की वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• हैंडबà¥à¤• है यह पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• जो आमजन में संघ को लेकर पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤°à¤¿à¤¤ à¤à¥à¤°à¤¾à¤‚तियों को दूर करने में सहायक होगी।
Information
-
Out of stock
- Format:Book
- Pages:128 pages
- Publisher:Prabhat Prakashan
- Publication Date:12/08/2016
- Category:
- ISBN:9789386231918
Information
-
Out of stock
- Format:Book
- Pages:128 pages
- Publisher:Prabhat Prakashan
- Publication Date:12/08/2016
- Category:
- ISBN:9789386231918