Main Mahaveer Bol Raha Hoon Book
by Dulichand Jain
Book
Description
ससार क सरवशरषठमहापरषो म à¤à¤—वान महावीर का नाम बड सममान क साथ लिया जाता ह। à¤à¤—वान महावीर थ अहिसा क सरवोचच परवकता, à¤à¤• यगपरष, à¤à¤• à¤à¤¸ यगदरषटा थ, जिनहोन मानव कलयाण हत अपना जीवन समरपित कर दिया।महावीर जैन धरà¥à¤® में वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ अवसरà¥à¤ªà¤¿à¤£à¥€ काल के चौबीसवें तीरà¥à¤¥à¤‚कर हैं। à¤à¤—वानॠमहावीर का जनà¥à¤® करीब ढाई हजार साल पहले वैशाली के गणतंतà¥à¤° राजà¥à¤¯ कà¥à¤·à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯ कà¥à¤‚डलपà¥à¤° में हà¥à¤† था। महावीर को 'वरà¥à¤§à¤®à¤¾à¤¨', 'वीर', 'अतिवीर' और 'सनà¥à¤®à¤¤à¤¿' à¤à¥€ कहा जाता है।तीस वरà¥à¤· की आयॠमें गृह तà¥à¤¯à¤¾à¤— करके, उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने à¤à¤• लà¤à¤—ोटी तक का परिगà¥à¤°à¤¹ रखा। हिंसा, पशà¥à¤¬à¤²à¤¿, जात-पाà¤à¤¤ का à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ जिस यà¥à¤— में बढ़ गया, उसी यà¥à¤— में à¤à¤—वानॠमहावीर का जनà¥à¤® हà¥à¤†à¥¤ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को सतà¥à¤¯ व अहिंसा का पाठपढ़ाया। तीरà¥à¤¥à¤‚कर महावीर सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ ने अहिंसा को उचà¥à¤šà¤¤à¤® नैतिक गà¥à¤£ बताया। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को जैन धरà¥à¤® के पंचशील सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त बताà¤, जो हैं-अहिंसा, सतà¥à¤¯, अपरिगà¥à¤°à¤¹, अचौरà¥à¤¯ (असà¥à¤¤à¥‡à¤¯) और बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤°à¥à¤¯à¥¤ à¤à¤—वानॠमहावीर ने अपने उपदेशों और पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨à¥‹à¤‚ के माधà¥à¤¯à¤® से दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ को सही राह दिखाई और मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ किया।à¤à¤—वानॠमहावीर के अनमोल वचन न केवल पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤• हैं, अपितॠमानव मातà¥à¤° के लिठअनà¥à¤•à¤°à¤£à¥€à¤¯ à¤à¥€ हैं। विचारों की à¤à¤¸à¥€ रतà¥à¤¨-मंजूषा है यह पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•, जो पाठकों के जीवन-पथ को आलोकित कर देगी।
Information
-
Out of stock
- Format:Book
- Pages:168 pages
- Publisher:Prabhat Prakashan
- Publication Date:20/04/2017
- Category:
- ISBN:9789386001412
Other Formats
- Book from £10.99
Information
-
Out of stock
- Format:Book
- Pages:168 pages
- Publisher:Prabhat Prakashan
- Publication Date:20/04/2017
- Category:
- ISBN:9789386001412