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ओपन में दिन : Days in the Open, Hindi edition, Paperback / softback Book

ओपन में दिन : Days in the Open, Hindi edition Paperback / softback

Paperback / softback

Description

एक घट या तो लच और चटिग क लिए, और फिर फिर स धारा म और उसक मह की ओर हमार रासत पर। करलस भारी हो रह थ, और डॉकटर न झील क किनार क लिए एक छोटा कट लन का फसला किया। शर करन स ठीक पहल, दोनो एक पल म मछली पकडन क लिए एक साथ खड थ, जब डॉकटर, एक आग कदम उठात हए, एक चिकनी पतथर पर फिसल गया और गिरन लग। यह परकरिया सबस धीमी, जानबझकर और परी तरह स हासयपरमी थी, जो कभी भी दखी गई थी। जस-जस वह अपना सतलन खोन लगा और पीछ की ओर झकता गया, उसन अपनी कविता को फिर स हासिल करन क लिए उनमतत परयास किए। दोनो हाथ हवा म लहरात हए, एक उसकी छडी पकडता हआ, आख उसक सिर स टकराती हई, हरान और घणित रप स अपन मरदाना चहर को रोशन करती हई, अपन शरीर क परभाव क कारण धारा क रप म अतिम, शकतिशाली छप उनक सहानभतिपरण और दखद कॉमरड क लिए रमणीय चितर। अजीब तरह स, डॉकटर सथिति का हासय नही दख सक, और अगर उस कभी भी इस सतय रिकॉरड को पढन क लिए नियकत करना चाहिए तो यह सदह ह कि कया वह मसकराता ह।


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