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Uttar Ki Yatrayen, Hardback Book

Uttar Ki Yatrayen Hardback

Hardback

Description

जापानी महाकवि बाशो उन बिरल कवियो म स ह जिनकी कविता का अनवाद शायद ससार की हर छोटी-बडी भाषा म हआ ह। हाइक नामक विधा का जिकर आत ही पराय: सभी रसिको को जो पहला नाम याद आता ह वह बाशो का ह। बाशो जितन बड और अविराम कवि थ उतन ही अथक यातरी भी। उनका यह यातरा-वतत अपन किसम का अनोखा ह। वरिषठ कवि सरश सलिल न बहत मनोयोग और कलपनाशीलता स इस अगरजी स अनदित किया ह। उनहोन बहत जतन स यथासथान सनदरभ क नोटस भी दिय ह जिनस सथानो, कवियो, राजवशो आदि का पता भी होता चलता ह। रजा पसतक माला म एक महाकवि का यातरा-वतत बहत अचछ हिनदी अनवाद म परसतत करत हए हम परसननता ह।' अशोक वाजपयी.

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