![Mahayug Upanyias Trayi-2 Himyug Mein Prem (Duniya Ki Paheli Premkatha), Paperback / softback Book Mahayug Upanyias Trayi-2 Himyug Mein Prem (Duniya Ki Paheli Premkatha), Paperback / softback Book](http://hive.dmmserver.com/media/640/97893552/9789355214911.jpg)
Mahayug Upanyias Trayi-2 Himyug Mein Prem (Duniya Ki Paheli Premkatha) Paperback / softback
by Ratneshwar Kumar Singh
Paperback / softback
Description
जिनदा रहन क सघरष क साथ 32000 साल पहल मनषय क होठो न खान और बोलन कअलावा होठ-चबन किया। सहवास की अवधारणा क साथ ससार का पहला परम और पहल परिवार की परिकलपना à¤à¥€ शर हई। ससार क पहल राजय जब की सथापना हई और ससार को पहला समराटदवय मिला।इसके राज गलà¥à¤« ऑफ खंà¤à¤¾à¤¤ (गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤) की गहराइयों में आज à¤à¥€ छà¥à¤ªà¥‡ हà¥à¤ हैं, जहाठहिमयà¥à¤— में नगर होने के संकेत मिले हैं। संसार में अब तक मिली नगरीय सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं में यह सबसे पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¤¾ नगर होने का अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ है। विजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚-पà¥à¤°à¤¾à¤µà¤¿à¤¦à¥‹à¤‚ के नवीन शोध और खोज को केंदà¥à¤° में रखकर महायà¥à¤— उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸-तà¥à¤°à¤¯à¥€ लिखा गया है। 'हिमयà¥à¤— में पà¥à¤°à¥‡à¤®' तीन उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ की शृंखला का दूसरा उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ है।होमो इरेकà¥à¤Ÿà¤¸ और अनà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤œà¤¾à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के संघरà¥à¤· के बीच उन दिनों संसार में सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• विकास केे साथ कई नवीन पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— हà¥à¤à¥¤ इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ लोगों ने पहली बार पालनौका, हिमवाहन और चकà¥à¤•à¥‡ के साथ विविध असà¥à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ किया।परगà¥à¤°à¤¹à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने होमो सेपियंस के डीà¤à¤¨à¤ का पà¥à¤¨à¤°à¥à¤²à¥‡à¤–न किया। कà¥à¤°à¥‹à¤¨à¥‹à¤µà¤¾à¤‡à¤œà¤° सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त के आधार पर कà¥à¤› विजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ और पà¥à¤°à¤¾à¤µà¤¿à¤¦à¥‹à¤‚ ने समà¥à¤¦à¥à¤° की गहराइयों से जीरो पॉइंट फीलà¥à¤¡ में संरकà¥à¤·à¤¿à¤¤ धà¥à¤µà¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को संगृहीत कर उसे फिलà¥à¤Ÿà¤° किया। कड़ी मेहनत के बाद उनकी à¤à¤¾à¤·à¤¾ को डिकोड किया गया और उसे इंडस अलà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¾ कंपà¥à¤¯à¥‚टर पर चितà¥à¤°à¤¿à¤¤ किया गया। उनकी आवाजों से ही बतà¥à¤¤à¥€à¤¸ हजार साल पहले à¤à¤¾à¤°à¤¤ के पà¥à¤°à¤¥à¤® जà¥à¤žà¤¾à¤¤ पूरà¥à¤µà¤œ की पूरी कहानी सामने आई।
Information
-
Out of stock
- Format:Paperback / softback
- Pages:192 pages
- Publisher:Prabhat Prakashan
- Publication Date:01/01/2023
- Category:
- ISBN:9789355214911
Information
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Out of stock
- Format:Paperback / softback
- Pages:192 pages
- Publisher:Prabhat Prakashan
- Publication Date:01/01/2023
- Category:
- ISBN:9789355214911