Drishti Nahin, Drishtikon Chahiye Book
by Rajesh Singh
Book
Description
अनगिनत à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯à¥‹ की तरह ही राजश सिह का à¤à¥€ à¤à¤• सपना था। वह à¤à¤• आई.à¤.à¤à¤¸. अधिकारी बनना चाहत थ। बस à¤à¤• समसया थी-वह दख नही सकत थ।यह पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• पटना के à¤à¤• यà¥à¤µà¤¾, राजेश के पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾à¤¦à¤¾à¤¯à¥€ सफर की कहानी है, जो पà¥à¤°à¤œà¥à¤žà¤¾à¤šà¤•à¥à¤·à¥ है। à¤à¤¾à¤°à¥€ मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤²à¥‹à¤‚ से लड़ता हà¥à¤† वह सिविल सेवा परीकà¥à¤·à¤¾ की तैयारी में अपनी पूरी ताकत लगा देता है। यह परीकà¥à¤·à¤¾ बेहद कठिन और पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¸à¥à¤ªà¤°à¥à¤§à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• है, लेकिन इसमें सफल होना कई लोगों का सपना à¤à¤° रह जाता है।लेकिन अपनी पà¥à¤°à¤¬à¤² इचà¥à¤›à¤¾à¤¶à¤•à¥à¤¤à¤¿, अदमà¥à¤¯ जिजीविषा, कठिन परिशà¥à¤°à¤®, लगन और साधना ने दिवà¥à¤¯à¤¾à¤‚ग उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¥€ राजेश को इस दà¥à¤°à¥à¤—म पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤—िता में सफल होने का मारà¥à¤— पà¥à¤°à¤¶à¤¸à¥à¤¤ किया।à¤à¤¸à¥€ पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤• जीवनयातà¥à¤°à¤¾ पाठकों के समकà¥à¤· इस à¤à¤¾à¤µ से पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ है कि किसी शारीरिक अकà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ के बावजूद वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ फौलादी इरादों के बल पर अपने सपनों को पूरा करने के लकà¥à¤·à¥à¤¯ को अवशà¥à¤¯ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर सकता है।
Information
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Out of stock
- Format:Book
- Pages:160 pages
- Publisher:Prabhat Prakashan
- Publication Date:12/08/2016
- Category:
- ISBN:9789386231437
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- Book from £24.85
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- Format:Book
- Pages:160 pages
- Publisher:Prabhat Prakashan
- Publication Date:12/08/2016
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