Yogasan Aur Swasthaya (ଯୋଗାସନ ଏବଂ ସ୍ବାସ୍ଥ୍ୟ ଆଚାର୍ଯ୍ Undefined
by Bhagwan Acharya Dev
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Description
योग à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ ससकति की पराचीनतम पहचानो म स à¤à¤• ह। यही वह विजञान ह, जिसक बलबत पर न कवल à¤à¤¾à¤°à¤¤ कà¤à¥€ 'सोन की चिडिया' कहलाता था, बलकि विशवगर बनकर à¤à¥€ उà¤à¤°à¤¾ था। à¤à¤—वान शकर क बाद वदिक ऋषि-मनियो स ही योग का परारठमाना जाता ह। बाद म कषण, बदध, महावीर आदि न à¤à¥€ इस अपनी तरह स विसतार परदान किया। इस आग चलकर पतजलि न सवयवसथित कर लिखित रप दिया और योग सतर की रचना की, जो कि मनषय लिठकिसी वरदान स कम नही ह।
Information
-
Out of stock
- Format:Undefined
- Pages:130 pages
- Publisher:Diamond Books
- Publication Date:23/03/2024
- Category:
- ISBN:9789352610969
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- Format:Undefined
- Pages:130 pages
- Publisher:Diamond Books
- Publication Date:23/03/2024
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- ISBN:9789352610969