राजस्थान के प्रमुख संग्रहालय Paperback / softback
by Gupta
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Description
इस पसतक म राजसथान क सगरहालयो म सगहीत सामगरी क साथ-साथ उनकी विशषताओ को à¤à¥€ लिखा गया ह। पसतक म सगरहालय की अवधारणा का विकास, आदिम सगरहालयो क चिहन, परगरही जीवो दवारा छोड गठसगरहालय, राजसथान म सगरहालयो की सथापना का इतिहास तथा राजसथान क सगरहालयो की आधारà¤à¤¤ सामगरी का à¤à¥€ परिचय दिया गया ह। सगरहालय किसी à¤à¥€ दश, परात, नगर अथवा समाज क इतिहास à¤à¤µ ससकति क साथ-साथ जीवन क विà¤à¤¿à¤¨à¤¨ कषतरो यथा विजञान, कला, लखन आदि म हठविकास को दिखान वाला विशवसनीय दरपण ह। किसी ससथा à¤à¤µ सगठन क इतिहास à¤à¤µ उपलबधियो की जानकारी à¤à¥€ सगरहालय अधिक परà¤à¤¾à¤µà¥€ ढग स परसतत कर सकता ह। सगरहालय दरशक क समय, शरम à¤à¤µ धन की बचत करता ह, उसकी बौदधिक उतसकता को परिषकत करता ह à¤à¤µ जिजञासाओ को शात करता ह। वरतमान यग म सगरहालय, समपरण विशव म परयटको क आकरषकण का मखय कनदर बन गठह। राजसथान म परतिवरष लगà¤à¤— 15 लाख विदशी à¤à¤µ 4 करोड सवदशी परयटक आत ह। इन परयटको की सविधा क लिठपर राजय म सरकारी कषतर म 18 सगरहालय सथापित किठगठह। अनक निजी ससथाà¤, वयकति à¤à¤µ परिवार à¤à¥€ अपन सगरहालयो का सचालन करत ह। इस पसतक म राजसथान क सगरहालयो म सगहीत सामगरी क साथ-साथ उनकी विशषताओ को à¤à¥€ लिखा गया ह। पसतक म सगरहालय की अवधारणा का विकास, आदिम सगरहालयो क चिहन, परगरही जीवो दवारा छोड गठसगरहालय, राजसथान म सगरहालयो की सथापना का इतिहास तथा राजसथान क सगरहालयो की आधारà¤à¤¤ सामगरी का à¤à¥€ परिचय दिया गया ह।
Information
-
Out of stock
- Format:Paperback / softback
- Pages:266 pages
- Publisher:Shubhada Prakashan Jodhpur
- Publication Date:26/06/2019
- Category:
- ISBN:9788193798553
Information
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Out of stock
- Format:Paperback / softback
- Pages:266 pages
- Publisher:Shubhada Prakashan Jodhpur
- Publication Date:26/06/2019
- Category:
- ISBN:9788193798553