Gita-Mata Paperback / softback
by Mahatma Gandhi
Paperback / softback
Description
महातमा गाधीजी न गीता को 'माता' की सजञा दी थी। उसक परति उनका असीम अनराग और à¤à¤•à¤¤à¤¿ थी। उनहोन गीता क शलोको का सरल-सबोध à¤à¤¾à¤·à¤¾ म तातपरय दिया, जो 'गीता-बोध' क नाम स परकाशित हआ। उनहोन सार शलोको की टीका की और उस 'अनासकतियोग' का नाम दिया। कछ à¤à¤•à¤¤à¤¿-परधान शलोको को चनकर 'गीता-परवशिका' पसतिका निकलवाई। इतन स à¤à¥€ उनह सतोष नही हआ तो उनहोन 'गीता-पदारथ-कोश' तयार करक न कवल शबदो का सगम अरथ दिया, अपित उन शबदो क परयोग-सथलो का निरदश à¤à¥€ किया।गीता के मूल पाठके साथ वह संपूरà¥à¤£ सामगà¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में संकलित है। गीता को हमारे देश में ही नहीं, सारे संसार में असाधारण लोकपà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है। असंखà¥à¤¯ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ गहरी à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ से उसे पढ़ते हैं और उससे पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ लेते हैं। जीवन की कोई à¤à¥€ à¤à¤¸à¥€ समसà¥à¤¯à¤¾ नहीं, जिसके समाधान में गीता सहायक न होती हो। उसमें जà¥à¤žà¤¾à¤¨, à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ तथा करà¥à¤® का अदà¥à¤à¥à¤¤ समनà¥à¤µà¤¯ है और मानव-जीवन इनà¥à¤¹à¥€à¤‚ तीन अधिषà¥à¤ ानों पर आधारित है।महातà¥à¤®à¤¾ गांधी की कलम से पà¥à¤°à¤¸à¥‚त गीता पर à¤à¤• संपूरà¥à¤£ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•, जो जीवन के वà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¹à¤¾à¤°à¤¿à¤• पकà¥à¤· पर पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ डालकर पाठक की करà¥à¤®à¤¶à¥€à¤²à¤¤à¤¾ को गतिमान करेगी।
Information
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Out of stock
- Format:Paperback / softback
- Pages:208 pages
- Publisher:Prabhat Prakashan
- Publication Date:01/12/2020
- Category:
- ISBN:9789353229382
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- Hardback from £25.59
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- Format:Paperback / softback
- Pages:208 pages
- Publisher:Prabhat Prakashan
- Publication Date:01/12/2020
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