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Surye Ki Kiranen, Paperback / softback Book

Surye Ki Kiranen Paperback / softback

Paperback / softback

Description

दव-भमि हिमाचल क गाव, बीर बगडा म शरी 'मागो राम' का जनम, 25 फरवरी 1935 ई. म हआ था। बालपन स ही आपका धयान शरी दरगा माता जी की ओर आकरषित रहा। आपन हाई सकल मटरिक की परीकषा सजानपर कागडा स 1956 ई. म पास की, ततपशचात दिलली सथानातरित हए और सना मखयालय म अधीकषक क पद पर रहत हए सनातक की परीकषा भी उततीरण की। समयानसार माता-पिता का साया भी सिर पर न रह पाया। अतः 1968 ई. म आपका विवाह हआ। अकसर परकति म लीन आपका मन, पकार उठता- ''इस ससार को चलान वाली शकति, कोई अवशय सचची शकति ह'', अतः असखय कठिनाइयो म भी अचछ-बर की परख रही, आतमबल, धीरज, सहनशीलता, सवचछता, जीवो क परति दया भाव और लोगो की भलाई क लिए सदव ततपर रह। अतयधिक विशवास और सतयता स, परीकषा अवधि काल म दिवय-'सचची शकति' क सदरशन परापत हए। और उनह 'अपर बरहम परम भकत दव ऋषि' की उपाधि दी। आपन अपन जीवन अनभव व दिवय शकति दवारा परापत जञान-भडार को लिपिबदध किया, जो सपरण मानव जाति क हित म ह। आपका निधन 30 अकटबर 1992 ई. म हआ। आपकी परसतत पसतक 'सरय की किरण' सामाजिक जीवन क महततवपरण सिदधानतो और रहसयो को उजागर करती ह, जो सपरण मानवजाति क कलयाण क लिए अति आवशयक ह। पसतक किसी भी धरम, जाति, सपरदाय और अवतारवाद की मानयताओ स सरवथा भिनन सतयता क जञान को परकट करती ह। अतः यह पसतक जीवन म सरल जञान को आतमसात कर नई ऊरजा का सचार करन म लाभदायक ह।

Information

  • Format:Paperback / softback
  • Pages:90 pages
  • Publisher:Prabhakar Prakshan
  • Publication Date:
  • Category:
  • ISBN:9788194415107

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  • Format:Paperback / softback
  • Pages:90 pages
  • Publisher:Prabhakar Prakshan
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