Anupameya Shankar Book
by Neerja Madhav
Book
Description
अछत विषयो पर लिख गठअपन उपनयासो क कारण लगातार चरचा म रहनवाली सपरसिदध लखिका डॉ. नीरजा माधव का यह नवीन उपनयास 'अनपमय शकर' à¤à¤—वान आदि शकराचारय क जीवन क अनछठपरसगो को रखाकित करनवाली à¤à¤• अदवितीय कति ह।'पà¥à¤°à¤šà¤‚ड गà¥à¤°à¥€à¤·à¥à¤® ऋतॠके कारण सà¤à¥€ पशà¥-पकà¥à¤·à¥€ वà¥à¤¯à¤¾à¤•à¥à¤² थे। à¤à¥€à¤·à¤£ ताप से बचने के लिठमछलियाठà¤à¥€ जल के à¤à¥€à¤¤à¤° शरण ले चà¥à¤•à¥€ थीं। चिडि़याठअपने-अपने घोसलों में दà¥à¤¬à¤•à¥€ थीं, हंस कमलपतà¥à¤°à¥‹à¤‚ में छिपकर à¤à¥€à¤·à¤£ ताप से सà¥à¤µà¤¯à¤‚ को बचाने का पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ कर रहे थे। à¤à¤¸à¥€ नीरव बेला में तà¥à¤® अपने शिषà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के साथ कमलपà¥à¤·à¥à¤ª के पराग से सà¥à¤—ंधित गंगा की ओर बढ़े जा रहे थे। तà¥à¤® सब चà¥à¤ª थे। बस तà¥à¤®à¥à¤¹à¤¾à¤°à¥€ खड़ाऊठकी मदà¥à¤§à¤¿à¤® खटà¥-खटॠसे सनà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤¾ à¤à¤‚ग हो रहा था, मानो विपरीत मतावलंबियों को तà¥à¤® चेतावनी दे रहे थे।-इसी उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸ से
Information
-
Out of stock
- Format:Book
- Pages:160 pages
- Publisher:Prabhat Prakashan
- Publication Date:15/03/2017
- Category:
- ISBN:9789384343590
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Out of stock
- Format:Book
- Pages:160 pages
- Publisher:Prabhat Prakashan
- Publication Date:15/03/2017
- Category:
- ISBN:9789384343590