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Nyayapalika Ke Bahuaayam, Hardback Book

Nyayapalika Ke Bahuaayam Hardback

Hardback

Description

सवततर एव निषपकष नयायपालिका किसी भी दश क वयवसथित जीवन की आवशयक शरत ह, इसक बिना सभय राजय की कलपना नही की जा सकती। नयायपालिका सरकार का तीसरा सबस महततवपरण अग ह। सविधान निरमाताओ न सवततर एव निषपकष नयायपालिका की सथापना की ह। नयायपालिका दश क सविधान एव मौलिक अधिकारो की रकषा करती ह, आवशयकता पडन पर काननो की वयाखया करती ह।प्रस्तुत पुस्तक को 9 अध्यायों में बाँटा गया है। प्रथम अध्याय में भारत में ब्रिटिश न्याय व्यवस्था, द्वितीय में सर्वोच्च न्यायालय, तृतीय में उच्च न्यायालय, चौथे में न्यायिक पुनरावलोकन, पाँचवें में जनहित याचिका एवं न्यायिक सक्रियता, छठे में अधीनस्थ न्यायालय, सातवें में न्यायपालिका पर उठते प्रश्न, आठवें में सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय व निर्देश तथा नौवें में न्याय व्यवस्था से जुड़े विभिन्न लेख दिए गए हैं। न्यायपालिका के विविध आयामों पर प्रस्तुत यह संपूर्ण पुस्तक सुधी पाठकों विशेषकर स्नातक, परास्नातक एवं विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयोगी सिद्ध होगी।

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