Sadak Ki Laya Book
by Susham Bedi
Book
Description
''आप सचमच जानना चाहती ह?''मैं उसकी आà¤à¤–ों में à¤à¤²à¤•à¤¤à¥€ दरà¥à¤¦ की परछाइयों के बीच कà¥à¤› खोज रही थी।''कहीं आपकी हमदरà¥à¤¦à¥€ कम तो न हो जाà¤à¤—ी! मेरा बेटा था वह।''''ओह? अचà¥à¤›à¤¾à¥¤ तो...?''''अफà¥à¤°à¥€à¤•à¥€-अमेरिकन से शादी की थी। मेरे साथ कॉलेज में थी। बहà¥à¤¤ पà¥à¤¯à¤¾à¤° था हमारा। हमारे पà¥à¤¯à¤¾à¤° की संतान था वह!''निःशबà¥à¤¦ थी मैं।''कैसे सहा होगा दोनों ने। à¤à¤• मातà¥à¤° संतान को इस तरह खो देना। à¤à¤• बेकसूर, निरà¥à¤¦à¥‹à¤· बचà¥à¤šà¥‡ का पà¥à¤²à¤¿à¤¸ के हाथों बलि चढ़ जाना!''''अफसोस है मà¥à¤à¥‡à¥¤ इतना कà¥à¤› घट गया आपके साथ, और आपकी पतà¥à¤¨à¥€! ''हाठमेरी पतà¥à¤¨à¥€!'' उसने à¤à¤°à¥‡ गले से आह à¤à¤°à¥€à¥¤ लगा अà¤à¥€ फूट पड़ेगा। उसे अपना दरà¥à¤¦ सà¤à¤à¤¾à¤²à¤¨à¤¾ बेहद मà¥à¤¶à¥à¤•à¤¿à¤² हो रहा था।''वह...वह...'' और उससे आगे उसके मà¥à¤– से कोई शबà¥à¤¦ नहीं निकला। वह खामोश जमीन पर आà¤à¤– गड़ाठबैठा रहा।मेरी हिमà¥à¤®à¤¤ नहीं पड़ी कि उससे आगे कोई सवाल पूछूà¤à¥¤''पगला गई थी वह!''-इसी संगà¥à¤°à¤¹ सेमानवीय संवेदना और सरोकारों से सराबोर ये पठनीय कहानियाठपाठक के मन-मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤• को छू लेंगी।
Information
-
Out of stock
- Format:Book
- Pages:168 pages
- Publisher:Prabhat Prakashan
- Publication Date:15/07/2017
- Category:
- ISBN:9789384344689
Information
-
Out of stock
- Format:Book
- Pages:168 pages
- Publisher:Prabhat Prakashan
- Publication Date:15/07/2017
- Category:
- ISBN:9789384344689