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RAM Prasad Bismil Ko Phansi V Mahavir Singh Ka Balidan, Book Book

RAM Prasad Bismil Ko Phansi V Mahavir Singh Ka Balidan Book

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Description

राम परसाद बिसमिल को फासी व महावीर सिह का बलिदान शताबदियो की पराधीनता क बाद भारत क कषितिज पर सवततरता का जो सरय चमका, वह अपरतिम था। इस सरय की लालिमा म उन असखय दशभकतो का लह भी शामिल था, जिनहोन अपना सरवसव करानति की बलिवदी पर नयोछावर कर दिया। इन दशभकतो म रामपरसाद बिसमिल का नाम अगरगणय ह। सगठनकरता, शायर और करानतिकारी क रप म बिसमिल का योगदान अतलनीय ह। 'काकोरी कस' म बिसमिल को दोषी पाकर फिरगियो न उनह फासी पर चढा दिया था। इस परकरण का दसतावजी विवरण परसतत पसतक को खास बनाता ह। शहीद महावीर सिह साहस व समरपण की परतिमरति थ। ततकालीन अनक करानतिकारियो स उनक हारदिक समबनध थ। इनका बलिदान ऐसी गाथा ह, जिस कोई भी दशभकत नागरिक गरव स बार-बार पढना चाहगा। पसतक पढत समय रामपरसाद बिसमिल की य पकतिया मन म गजती रहती हद सरफरोशी की तमनना अब हमार दिल म ह, दखना ह जोर कितना बाजघए कातिल म ह। एक सगरहणीय पसतक।.

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