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Shuddha Jeevan Jeene Ke Mantra, Book Book

Shuddha Jeevan Jeene Ke Mantra Book

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Description

आधयातमिक मलयो स रहित जीवन कछ ऐसा ही ह, मानो हम कोई अनाथ बालक हो; हम सवय को असरकषित, परम स रहित तथा अवाछित मान बठत ह। मलय हमार 'माता-पिता' ह। मनषय की आतमा इसक दवारा पोषित मलयो स सिचित होती ह। जब हम अपन मलयो क अनसार जीत ह तो इसस एक सरकषा व सहजता का भाव उपसथित होता ह। मलय हम सवततरता और आजादी दत ह, आतमनिरभर बनन की कषमता परदान करत हए बाहरी परभावो स मकत करत ह। आतमा क भीतर सतय को जानन तथा सतय क पथ का अनसरण करन की योगयता विकसित होती ह।मूल्य व्यक्ति के हृदय के बंद द्वार खोलकर मनुष्य की प्रकृति को रूपांतरित कर देते हैं, ताकि उसका जीवन करुणा एवं विनय से ओत-प्रोत हो जाए।जब व्यक्ति अपने भीतर मूल्यों को विकसित कर लेता है तो अपने आसपास के संसारों में भी उन मूल्यों की महक फैला देता है, ताकि सभी एक बेहतर जगत् की ओर आगे बढ़ सकें। शुद्ध-सात्विक भाव से जनकल्याण एवं मानवहितार्थ सेवारत ब्रह्माकुमारियों के प्रेरक जीवन से उपजे 'शुद्ध जीवन जीने के मंत्र' जो हर पाठक के हृदय को आध्यात्मिक आनंद से समृद्ध कर देंगे।

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