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Humankind, Paperback / softback Book

Humankind Paperback / softback

Paperback / softback

Description

यह एक विशवास ही ह जो वामपनथियो और दकषिणपनथियो को, मनोवजञानिको और दारशनिको को, लखको और इतिहासकारो को एकजट करता ह। यह उन सरखियो को पररित करता ह जो हम घर रहती ह और उन नियमो को सचालित करता ह जो हमार जीवन पर परभाव डालत ह। पशचिम क चिनतन म इस विशवास की जड, मकियावली स लकर हॉबस तक और फरॉइड स लकर डॉकिनस तक, बहत गहराई तक समाई हई ह। हम सिखाया गया ह कि मनषय अपन सवभाव स ही सवारथी होत ह और अपन हित स नियनतरित होत ह। हयमनकाइड एक नया तरक परसतत करती ह: यह मानना कि लोग भल होत ह, वयावहारिक होन क साथ-साथ करानतिकारी भी ह। परतिसपरधा करन की बजाय सहयोग करन की, अविशवास करन की बजाय भरोसा करन की परवतति का आधार हमारी परजाति क आरमभ स ही हमारी विकास-परकरिया म मौजद रहा ह। दसरो को उनक निकषटतम रप म दखना न सिरफ दसरो क परति हमार रख को, बलकि हमारी राजनीति और अरथवयवसथा को भी परभावित करता ह। अनतरराषटरीय सतर क br>बसटसलिग लखक रतखर बरखमान इस महततवपरण पसतक म दनिया क कछ सरवाधिक परसिदध अधययनो को आधार मान कर और उनह नय सिर स सयोजित कर मानव-इतिहास क पिछल 200, 000 वरषो क बार म एक नया परिपरकषय उपलबध करात ह। वासतविक जीवन क लॉरड ऑफ द फलाइज स लकर बलिटज क बाद सामन आय सहयोग तक, सटनफोरड परिजन एकसपरीमट की छिपी हई गडबडियो स लकर किटी जनोवीस की हतया क सचच किसस तक, बरखमान साबित करत ह कि किस तरह मानवीय दयालता और परोपकार हमार सोचन क ढग को बदल सकत ह - और हमार समाज म वासतविक परिवरतन लान की भमिका निभा सकत ह। यह मानव-सवभाव क बार

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