Ameeri Rekha Ki Khoj Mein Hardback
by Vijay Kumar
Hardback
Description
काफी सिर खपान क बाद पिछल दिनो मठइस बार म अतिम सतय पता लग ही गया। वह यह ह कि अमीरी की रखा मकान, गाडी, घडी, कपड या कलम स नही, शौचालय स तय होती ह।हमारे देश के महानॠ'योजना आयोग' के कारà¥à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ में दो शौचालयों की मरमà¥à¤®à¤¤ में 35 लाख रà¥à¤ªà¤ खरà¥à¤š कर दिठगà¤à¥¤ जरा सोचिà¤, मरमà¥à¤®à¤¤ में इतने खरà¥à¤š हà¥à¤, तो नठबनने में कितने होते होंगे? जब कà¥à¤› लोगों ने इस पर आपतà¥à¤¤à¤¿ की, तो योजना आयोग के मà¥à¤–िया शà¥à¤°à¥€ मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने इसे बिलà¥à¤•à¥à¤² ठीक बताया। मैं उनकी बात से सौ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ सहमत हूà¤à¥¤ बहà¥à¤¤ से विचारकों का अनà¥à¤à¤µ है कि यही à¤à¤•à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤° à¤à¤¸à¥€ जगह है, जहाठवà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ बिलà¥à¤•à¥à¤² à¤à¤•à¤¾à¤‚त में कà¥à¤› देर बैठकर, शांत à¤à¤¾à¤µ से मौलिक चिंतन कर सकता है। कई लेखकों को कालजयी उपनà¥à¤¯à¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ के विचार यहीं बैठकर आठहैं। शà¥à¤°à¥€ अहलूवालिया और उनके परम मितà¥à¤° मनमोहन सिंह की जिन योजनाओं से रà¥à¤ªà¤¯à¤¾ रसातल में जा रहा है, उसके बारे में चिंतन और मनन इतने आलीशान शौचालय में ही हो सकता है। -इसी संगà¥à¤°à¤¹ से--1--समाज की विषमताओं और विदà¥à¤°à¥‚पताओं पर मारक पà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤° करके अंतरावलोकन करने का à¤à¤¾à¤µ जागà¥à¤°à¤¤à¥ करनेवाले वà¥à¤¯à¤‚गà¥à¤¯à¥¤ ये न केवल आपको हà¤à¤¸à¤¾à¤à¤à¤—े-गà¥à¤¦à¤—à¥à¤¦à¤¾à¤à¤à¤—े, बलà¥à¤•à¤¿ आपके अंतरà¥à¤®à¤¨ को उदà¥à¤µà¥‡à¤²à¤¿à¤¤ कर मानवीय संवेदना को उà¤à¤¾à¤°à¥‡à¤‚गे।
Information
-
Out of stock
- Format:Hardback
- Pages:168 pages
- Publisher:Pawan Agrawal
- Publication Date:01/12/2018
- Category:
- ISBN:9789386870162
Information
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Out of stock
- Format:Hardback
- Pages:168 pages
- Publisher:Pawan Agrawal
- Publication Date:01/12/2018
- Category:
- ISBN:9789386870162