Please note: In order to keep Hive up to date and provide users with the best features, we are no longer able to fully support Internet Explorer. The site is still available to you, however some sections of the site may appear broken. We would encourage you to move to a more modern browser like Firefox, Edge or Chrome in order to experience the site fully.

Ameeri Rekha Ki Khoj Mein, Hardback Book

Ameeri Rekha Ki Khoj Mein Hardback

Hardback

Description

काफी सिर खपान क बाद पिछल दिनो मझ इस बार म अतिम सतय पता लग ही गया। वह यह ह कि अमीरी की रखा मकान, गाडी, घडी, कपड या कलम स नही, शौचालय स तय होती ह।हमारे देश के महान् 'योजना आयोग' के कार्यालय में दो शौचालयों की मरम्मत में 35 लाख रुपए खर्च कर दिए गए। जरा सोचिए, मरम्मत में इतने खर्च हुए, तो नए बनने में कितने होते होंगे? जब कुछ लोगों ने इस पर आपत्ति की, तो योजना आयोग के मुखिया श्री मोंटेक सिंह अहलूवालिया ने इसे बिल्कुल ठीक बताया। मैं उनकी बात से सौ प्रतिशत सहमत हूँ। बहुत से विचारकों का अनुभव है कि यही एकमात्र ऐसी जगह है, जहाँ व्यक्ति बिल्कुल एकांत में कुछ देर बैठकर, शांत भाव से मौलिक चिंतन कर सकता है। कई लेखकों को कालजयी उपन्यासों के विचार यहीं बैठकर आए हैं। श्री अहलूवालिया और उनके परम मित्र मनमोहन सिंह की जिन योजनाओं से रुपया रसातल में जा रहा है, उसके बारे में चिंतन और मनन इतने आलीशान शौचालय में ही हो सकता है। -इसी संग्रह से--1--समाज की विषमताओं और विद्रूपताओं पर मारक प्रहार करके अंतरावलोकन करने का भाव जाग्रत् करनेवाले व्यंग्य। ये न केवल आपको हँसाएँगे-गुदगुदाएँगे, बल्कि आपके अंतर्मन को उद्वेलित कर मानवीय संवेदना को उभारेंगे।

Information

  • Format:Hardback
  • Pages:168 pages
  • Publisher:Pawan Agrawal
  • Publication Date:
  • Category:
  • ISBN:9789386870162
Save 4%

£25.99

£24.85

 
Free Home Delivery

on all orders

 
Pick up orders

from local bookshops

Information

  • Format:Hardback
  • Pages:168 pages
  • Publisher:Pawan Agrawal
  • Publication Date:
  • Category:
  • ISBN:9789386870162