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Good Economics for Hard time, Paperback / softback Book

Good Economics for Hard time Paperback / softback

Paperback / softback

Description

यह पता लगाना हमार समय की एक बडी चनौती ह कि आज की गभीर आरथिक समसयाओ स कस निपटा जाए। यह अतरिकष यातरा स कही जयादाऔर शायद कसर का इलाज करन स भीजयादा चनौती परण ह - इसम एक बहतर जीवन की परिकलपना का विचारऔर शायद परा उदार लोकततर ही दाव पर लगा ह।इन समसयाओ को हल करन क लिए हमार पास ससाधन तो ह, लकिन हमार पास ऐस विचारो की कमी ह, जो असहमति और अविशवास की उस दीवार को पार करन म हमारी मदद कर सक, जो हम बाट दती ह। यदि हम इस खोज म गभीरता स जडत ह, और यदि दनिया क सरवशरषठ जञानवान लोग परभावशीलता और राजनीतिक वयावहारिकता क लकषय को धयान म रखत हए हमार सामाजिक कारयकरमो को नया सवरप दन क लिए सरकारो और नागरिक समाज क साथ काम करत ह, तभी इतिहास हमार यग को कतजञता क साथ याद रखगा। अपनी इस करातिकारी पसतक म मशहरअरथशासतरी अभिजीत वी. बनरजी और एसथर डफलो इस चनौती को सवीकार करत हए अरथशासतर म अतयाधनिक शोध क आधार पर सपषटता और गरिमा क साथ इसकी वयाखया करत ह। यह किताब मौलिक, विचारोततजक और अतयावशयक ह, जो करणा और सममान क आधार पर निरमित समाज क परति बदधिमतता भर हसतकषप क लिए पररित करती ह। यह असाधारण किताब जोखिम भर ढग स सतलित दनिया का आकलन करन और उस समझन म हमारी मदद करगी।

Information

  • Format:Paperback / softback
  • Pages:362 pages
  • Publisher:Manjul Publishing House Pvt Ltd
  • Publication Date:
  • Category:
  • ISBN:9789391242329
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  • Format:Paperback / softback
  • Pages:362 pages
  • Publisher:Manjul Publishing House Pvt Ltd
  • Publication Date:
  • Category:
  • ISBN:9789391242329