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Palmistry Ke Anubhut Prayog - Part-1 (???????? ? ???? ????? - ???-1), Paperback / softback Book

Palmistry Ke Anubhut Prayog - Part-1 (???????? ? ???? ????? - ???-1) Paperback / softback

Paperback / softback

Description

धन, समपतति, करियर, वयापार, नौकरी, वसीयत, हानि-लाभ आदि सवालो पर आधारित यह अनोखी पसतक ह जिसम हसतरखाओ एव लकषणो का विसतत विवरण ह। जातक की समसयाओ का सचितर और विधिपरवक समाधान दिया गया ह। नौकरी कब लगगी? वयापार चलगा कि नही? मकदम म हार मिलगी अथवा जीत? करियर कसा होगा? धनयोग कब ह? ---जस असखय सवालो क जवाब इस पसतक म दिए गए ह।<br>पामिसटरी गर दयानद वरमा और उनकी पतरी निशा घई को किसी परिचय की आवशयकता नही ह। इसटीटयट ऑफ पामिसटरी क ससथापक दयानद वरमा का नाम विशव म हसतरखा विशषजञो म बड सममान स लिया जाता ह। वरषो की उनकी शोध न पामिसटरी म नय कीरतिमान सथापित किए ह। जिस परकार बलड टसट आदि दखकर एक विशषजञ शरीर क भीतरी अगो की करियाओ को समझ सकता ह, उसी परकार एक हसतरखा विशषजञ हाथ की रखाए दखकर उस वयकति क भीतर छिपी सभावनाओ को समझ सकता ह। मनषय क अदर छिपी सभावनाओ का अधययन ही भत, भविषय और वरतमान को पढना ह।

Information

  • Format:Paperback / softback
  • Pages:104 pages
  • Publisher:Diamond Books
  • Publication Date:
  • Category:
  • ISBN:9789351657446

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  • Format:Paperback / softback
  • Pages:104 pages
  • Publisher:Diamond Books
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  • ISBN:9789351657446