Falon Aur Sabziyon Se Chikitsa Book
by Dr. H.K. Bakhru
Book
Description
फलो à¤à¤µ सबजियो स चिकितसाविशà¥à¤µ की अधिकांश चिकितà¥à¤¸à¤¾ पदà¥à¤§à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚-आयà¥à¤°à¥à¤µà¥‡à¤¦, यूनानी, होमà¥à¤¯à¥‹à¤ªà¥ˆà¤¥à¥€, तिबà¥à¤¬à¤¤à¥€, à¤à¤²à¥‹à¤ªà¥ˆà¤¥à¥€ आदि-में अनेक पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की वनसà¥à¤ªà¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ यानी फलों-सबà¥à¤œà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ à¤à¤µà¤‚ उनके अवयवों आदि का उपयोग ही अधिक होता है। आयà¥à¤°à¥à¤µà¥ˆà¤¦à¤¿à¤• चिकितà¥à¤¸à¤¾ में सबसे मà¥à¤–à¥à¤¯ बात यह होती है कि इसमें उपयà¥à¤•à¥à¤¤ दवाओं में रोग के मारक गà¥à¤£ कम और शोधक अधिक होते हैं। इनके उपचार से रोग दबता नहीं है, बलà¥à¤•à¤¿ हमेशा के लिठजड़ से समापà¥à¤¤ हो जाता है।वैसे तो कà¥à¤¯à¤¾ गरीब, कà¥à¤¯à¤¾ अमीर-सà¤à¥€ लोग फलों à¤à¤µà¤‚ सबà¥à¤œà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ का उपयोग अपने सामरà¥à¤¥à¥à¤¯ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° करते ही हैं; लेकिन इनका उपयोग यदि चिकितà¥à¤¸à¤¾ की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से किया जाठतो अनेक छोटे-बड़े रोगों से छà¥à¤Ÿà¤•à¤¾à¤°à¤¾ मिल सकता है। फल à¤à¤µà¤‚ सबà¥à¤œà¤¿à¤¯à¤¾à¤ सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ के रकà¥à¤·à¤• हैं।पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में सरà¥à¤µà¤¸à¥à¤²à¤ फलों à¤à¤µà¤‚ सबà¥à¤œà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ से अनेक रोगों की चिकितà¥à¤¸à¤¾ में इनका उपयोग बड़ी सीधी-सरल à¤à¤¾à¤·à¤¾ में पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ किया गया है। उपयोगिता की दृषà¥à¤Ÿà¤¿ से यह पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• गृहसà¥à¤¥, आयà¥à¤°à¥à¤µà¥ˆà¤¦à¤¿à¤• चिकितà¥à¤¸à¤• à¤à¤µà¤‚ सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ जागरूक लोगों के लिठपठनीय à¤à¤µà¤‚ संगà¥à¤°à¤¹à¤£à¥€à¤¯ है।
Information
-
Out of stock
- Format:Book
- Pages:132 pages
- Publisher:Prabhat Prakashan
- Publication Date:12/08/2015
- Category:
- ISBN:9789382898726
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- Book from £9.99
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- Format:Book
- Pages:132 pages
- Publisher:Prabhat Prakashan
- Publication Date:12/08/2015
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